۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
सायरा इब्राहीम

हौज़ा / शांति कार्यकर्ता यूक्रेन में हुई हत्याओं से बहुत दुखी हैं और एक तरफ से आवाज उठाई जा रही है लेकिन ये शांति कार्यकर्ता फिलिस्तीन, यमन, इराक या अफगानिस्तान को नहीं देखते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार शांति कार्यकर्ताओं को यूक्रेन में हुई हत्याओं से गहरा दुख हुआ है और हर दिन कही न कही से आवाज उठाई जा रही है लेकिन इन शांति कार्यकर्ताओं को फिलिस्तीन, यमन, इराक या अफगानिस्तान नहीं दिख रहा है। यह बात यूथ विंग मजलिस-ए-वहदत-ए-मुस्लिमीन की केंद्रीय सचिव सुश्री सायरा इब्राहिम ने कही।

उन्होंने कहा कि इजरायल आज फिलिस्तीन के उत्पीड़ित लोगों के साथ जो कर रहा है वह न केवल इस्लाम विरोधी है बल्कि मानवता विरोधी भी है क्योंकि यह जो बर्बरता कर रहा है वह मानवता के खिलाफ है लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देश जो जानवर के प्रति करुणा और प्रेम की शिक्षा भी देते हैं। फिर वे फ़िलिस्तीन, यमन और अफ़ग़ानिस्तान में हो रहे ज़ुल्मों को क्यों नहीं देखते? महिलाओं और बुजुर्गों पर आज दया नहीं आती है। विश्व शांति कार्यकर्ताओ को आज यूक्रेन में मारे गए लोगों के लिए बहुत दर्द हो रहा हैं और आय दिन किसी न किसी तरफ से आवाज उठाई जा रही है पक्ष या अन्य लेकिन इन शांति कार्यकर्ताओं को फिलिस्तीन, यमन या इराक, अफगानिस्तान नहीं दिखता।

"ये इज़राइली और उनके सहयोगी जीवन के सभी क्षेत्रों से उत्पीड़क हैं और हम उनके खिलाफ उत्पीड़ितों के लिए अपना समर्थन घोषित करते हैं और यह समर्थन इसलिए नहीं है क्योंकि वे मुसलमान हैं बल्कि इसलिए हैं क्योंकि वे इंसान हैं और किसी भी विचारधारा को मानवता पर अत्याचार करने की अनुमति नहीं है, और यहां तक कि जानवरों के साथ भी इजरायली जानवरों के साथ व्यवहार नहीं किया जाता है। "लेकिन याद रखें, पाकिस्तानी राष्ट्र एक ईर्ष्यालु राष्ट्र है। यह उस स्वतंत्रता के लिए कभी सौदा नहीं करेगा जो उसके पूर्वजों को बलिदान के बाद मिली थी," उन्होंने कहा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी हस्तक्षेप पर हमारी चुप्पी हमारी प्यारी मातृभूमि के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।

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